‘अगर कृश्न चंदर आज लिख रहे होते तो तिहाड़ जेल में होते’

बीते दिनों आईसीएसई ने प्रसिद्ध कहानीकार कृश्न चंदर की कहानी ‘जामुन का पेड़’ को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटा दिया था. उनकी लेखनी और ज़िंदगी की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में उनके भतीजे पवन चोपड़ा से द वायर के फ़ैयाज़ अहमद वजीह की बातचीत.

जामुन का पेड़: कृश्न चंदर की वो कहानी, जिसे आईसीएसई ने पाठ्यक्रम से हटा दिया है

आईसीएसई ने प्रसिद्ध कहानीकार कृश्न चंदर की कहानी 'जामुन का पेड़' को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटा दिया है. काउंसिल का कहना है कि यह दसवीं के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त नहीं है.

मदरसे छात्रों को आतंकवाद से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं: शिया बोर्ड अध्यक्ष

शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने कहा कि मदरसों के संचालन के लिए पैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी आते हैं तथा कुछ आतंकवादी संगठन भी उनकी मदद कर रहे हैं.