अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, जन्म के देश के हिसाब से 2023 में प्राकृतिक रूप से जन्म लेने वालों में भारतीय, अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा समूह थे. 2023 में अमेरिका में प्राकृतिक रूप से रहने वाले व्यक्तियों की संख्या के मामले में भी भारत 6.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा.
युद्धग्रस्त इज़रायल में लुभावने वेतन पर 10,000 भारतीय निर्माण श्रमिकों को काम के लिए भेजे जाने के लिए लखनऊ में हुई भर्ती प्रक्रिया में शामिल लोगों ने बताया कि वे इज़रायल जाना चाहते हैं क्योंकि भारत में उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा.
पिछले साल 23 मार्च को ब्रिटेन के मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को तिरुवनंतपुरम में एक सम्मेलन में भाग लेना था, हालांकि बिना कोई स्पष्ट कारण बताए हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया था. केंद्र सरकार के निर्वासन आदेश को उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
वीडियो: बीते दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक साक्षात्कार में कहा कि हिंदू समाज युद्ध में है, इस लड़ाई में लोगों में कट्टरता आएगी. उनके इस बयान पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक साक्षात्कार में कहा है कि हिंदुस्तान, हिंदुस्तान बना रहे. भारत में मुसलमानों और इस्लाम को कोई ख़तरा नहीं है. वह रहना चाहते हैं, रहें. पूर्वजों के पास वापस आना चाहते हैं, आएं. बस उन्हें यह सोच छोड़नी पड़ेगी कि हम एक समय राजा थे, फिर से राजा बनें.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कार्यकाल के केवल 20 दिन बाकी रहने के दौरान प्रतिबंधों का जारी रखना अमेरिका में प्रवासियों के प्रवेश को रोकने का हालिया प्रयास है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप की प्रवासी नीति को क्रूर बताते हुए एच-1 बी वीज़ा पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का वादा किया है.
एच-1बी वीज़ा अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को नियुक्त करने की अनुमति देता है. अमेरिका में होने वाले चुनाव के मद्देनज़र अमेरिकी कामगारों के लिए नौकरियां सुरक्षित रखने के मक़सद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह क़दम उठाया गया है. गूगल के सीआईओ सुंदर पिचाई ने इस फैसले पर निराशा जताई है.
सूचना की स्वतंत्रता क़ानून के तहत यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज नेशनल रिकॉर्ड्स सेंटर से प्राप्त सूचना के अनुसार साल 2014 से अमेरिका में शरण मांगने वाले कुल भारतीयों में 15,436 पुरुष और 6,935 महिलाएं शामिल हैं.
एक सर्वे के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर नस्लभेद और अप्रवासियों का भय वैश्वीकरण के लिए बड़ा ख़तरा हैं, लेकिन भारत के युवाओं का मानना है कि धार्मिक मतभेद और राष्ट्रवादी राजनीति दूसरे ख़तरों से बड़े हैं.