विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट बताती है कि कोविड महामारी के बाद लगभग सभी टीकों के मामले में भारत ने वर्ष 2022 में अपनी टीकाकरण दरों में सुधार किया था, लेकिन 2023 में परिणाम उलट गए. भारत उन देशों में शुमार है जहां शून्य ख़ुराक पाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को हैदराबाद स्थित ‘बायोलॉजिकल इवांस’ द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी ‘कोर्बेवैक्स’ टीके की खुराक दी जाएगी. साथ ही 60 से अधिक आयु के सभी लोग अब एहतियाती खुराक ले पाएंगे.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि 60 से अधिक उम्र की 2.75 करोड़ आबादी को कोविड टीके की एहतियाती डोज़ लगनी है, जिसे लेने से पहले वे अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि नए टीकाकरण अभियान के तहत 15-18 आयुवर्ग के लाभार्थियों को सिर्फ कोवैक्सीन दी जाएगी.