वीडियो: द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को बीते दिनों हरियाणा के दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के नाम पर शुरू हुए छत्रपति सम्मान- 2023 से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर उनके द्वारा दिया गया वक्तव्य.
वैश्विक नागरिक समाज गठबंधन ‘सिविकस’ ने कहा है कि यह भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर पूर्ण हमला है और समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक की आलोचनात्मक और स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई है. यूएपीए के तहत इस वेबसाइट पर आरोप लगाना, स्वतंत्र मीडिया, कार्यकर्ताओं और नागरिकों को चुप कराने और परेशान करने का एक बेशर्म प्रयास है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में प्रकाशित दावों के आधार पर ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक को भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हमलों का सामना करना पड़ रहा है. इस रिपोर्ट के आधार पर बीते दिनों भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि कांग्रेस नेताओं और न्यूज़क्लिक को ‘भारत विरोधी’ माहौल बनाने के लिए चीन से धन मिला है.
रूपेश कुमार सिंह की दोबारा गिरफ़्तारी को सालभर हो गया है और इस बीच उन्हें चार नए मामलों में आरोपी बनाया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पूरे एक पन्ने पर भारतीय जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई थी. भारत में भी ऐसी मांग उठाना ज़रूरी है.
असम के प्रतिष्ठित पत्रकार पराग कुमार दास की स्मृति में यह पुरस्कार हर साल असम के बारे में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को दिया जाता है. द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती इसे पाने वाली पहली महिला हैं.
मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित रेड इंक अवॉर्ड्स, 2022 की विमेन एम्पावरमेंट एंड जेंडर इक्वॉलिटी और राजनीति श्रेणी (प्रिंट) में क्रमशः द वायर की सुकन्या शांता की जेलों में बंद ट्रांसजेंडर बंदियों की दशा पर की गई रिपोर्ट और सिद्धार्थ वरदराजन की पेगासस संबंधी रिपोर्ट को पुरस्कृत किया गया है.
बुधवार को आयकर विभाग द्वारा इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक-स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालयों में किए गए 'सर्वे' की निंदा करते हुए विभिन्न स्वतंत्र डिजिटल मीडिया संस्थानों के संगठन डिजीपब ने कहा कि यह स्वतंत्र पत्रकारिता पर लगाम कसने की दमनकारी प्रवृत्ति है.
वीडियो: मौजूदा दौर में राजनीति और मीडिया के बड़े मंच ऐसे दयनीय हाल में हैं कि ख़ुद ही चुटकुला बन गए हैं. दूसरी तरफ गंभीर पत्रकारों या कॉमेडियंस की टिप्पणियों से कभी सरकार, तो कभी न्यायपालिका को आहत हो रहे हैं. इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन और टीवी एंकर मीनाक्षी श्योराण से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.