बीते दिनों भाजपा ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी पर लक्षित हमलों और 'भारत को अस्थिर करने' के प्रयासों के लिए खोजी पत्रकारों का नेटवर्क- ओसीसीआरपी ज़िम्मेदार है और उसे अमेरिकी विदेश विभाग से फंड मिला है. अमेरिकी दूतावास ने इस पर कहा कि यह निराशाजनक है कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी ऐसे आरोप लगा रही है.
अमेरिका के कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की एक संक्षिप्त रिपोर्ट में कहा गया है कि एनआरसी के साथ मिलकर सीएए भारत में बड़ी मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी के अधिकारों को ख़तरे में डाल सकता है.
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, जन्म के देश के हिसाब से 2023 में प्राकृतिक रूप से जन्म लेने वालों में भारतीय, अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा समूह थे. 2023 में अमेरिका में प्राकृतिक रूप से रहने वाले व्यक्तियों की संख्या के मामले में भी भारत 6.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दावा करते हैं कि उनकी हुकूमत का केंद्रीय उसूल ‘लोकतंत्र की रक्षा’ है. यह बात सराहने लायक़ है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वह ठीक इसका उल्टा था. अमेरिकी हुक्मरान जिस शख़्स के आगे बिछे हुए थे, उसने भारतीय लोकतंत्र को बहुत व्यवस्थित तरीक़े से कमज़ोर किया है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, लोगाें काे गले लगाना ही भारत की ताकत रही है, लेकिन देश सौहार्द्र बिगड़ने के ख़तरे का सामना कर रहा है.