पुस्तक अंश: जून 2013 में जब देश केदारनाथ की आपदा से जूझ रहा था, टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट, ‘मोदी इन रैम्बो एक्ट', प्रकाशित की थी कि किस तरह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूस्खलन और बाढ़ की तबाही के बीच फंसे लोगों में से 15,000 गुजरातियों को सुरक्षित वापस निकाल लिया था. इस रिपोर्ट के पीछे का सच क्या था?
सामूहिक रूप से 2.6 करोड़ मासिक पाठक वर्ग वाले तीनों बड़े अख़बार समूहों का कहना है कि मोदी के पिछले महीने लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से चुनकर सत्ता में आने से पहले ही उनके करोड़ों रुपये के विज्ञापनों को बंद कर दिया गया.
मीडिया द्वारा बलात्कार और यौन शोषण पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक करने से जुड़े मामलों के संबंध में भारतीय प्रेस परिषद, एडिटर्स गिल्ड आॅफ इंडिया और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फेडरेशन और न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था.
जन गण मन की बात की 249वीं कड़ी में विनोद दुआ पेड न्यूज़ को लेकर कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन और प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी पर चर्चा कर रहे हैं.
'गाय, ट्रिपल तलाक, सेना, कश्मीर और पाकिस्तान को ज़ेरे-बहस लाकर सरकार अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश कर रही है. सरकार के सभी वादे झूठे साबित हुए हैं. आपको अच्छे दिन के बजाय बुरे दिन दे दिए गए हैं.'
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंदुओं पर रोज़ा थोपने की बात झूठी है, लेकिन यह झूठ ही चैनल के करोड़ों दर्शकों के लिए असली सच है. एएमयू के हिंदू छात्र लाख खंडन करते फिरें, संदेश यही जाएगा कि वे किसी दबाव में ऐसा कर रहे हैं.