संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ने से देश की आध्यात्मिक छवि सीमित हुईः जज

जम्मू, कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने कहा कि भारत अनादि काल से ही एक आध्यात्मिक देश रहा है और संविधान की प्रस्तावना में पहले से ही लिखित ‘संप्रभु, लोकतांत्रित, गणतंत्र’ शब्द के साथ ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को जोड़ने से ये छवि प्रभावित हुई है.