एशिया प्रशांत के देश सबसे अधिक प्रतिभाओं की कमी का सामना कर रहे हैं. जापान, ताइवान, हांगकांग, सिंगापुर और भारत शीर्ष दस देशों में शुमार हैं. विश्व में सबसे अच्छी स्थिति चीन की है.
जसोदा बेन साबरमती आश्रम से निकली ‘भारत-पाक मैत्री एवं शांति यात्रा’ में शामिल हुईं और कहा, ‘इन यात्रियों को मैं बधाई देती हूं जो विश्व शांति चाहते हैं. मैं भी भगवान से प्रार्थना करती हूं इन यात्रियों की प्रार्थना कुबूल हो.’
यदि धार्मिक आधार पर हम राष्ट्रीयता तय करेंगे तो देश में एक बहुत बड़ी खाई पैदा हो जाएगी जिसकी वजह से भारत की प्रगति में बाधा आएगी.
जन गण मन की बात की 263वीं कड़ी में विनोद दुआ लोकतंत्र में आम नागरिकों की स्थिति और नेताओं के विलासितापूर्ण जीवन पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 262वीं कड़ी में विनोद दुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और जम्मू कश्मीर पर चर्चा कर रहे हैं.
एक सर्वे के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर नस्लभेद और अप्रवासियों का भय वैश्वीकरण के लिए बड़ा ख़तरा हैं, लेकिन भारत के युवाओं का मानना है कि धार्मिक मतभेद और राष्ट्रवादी राजनीति दूसरे ख़तरों से बड़े हैं.
जन गण मन की बात की 261वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने और पानी की कमी पर नीति आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 260वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में भाजपा के सरकार से समर्थन वापस लेने और भारत की वैश्विक छवि पर चर्चा कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर में भाजपा के पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के साथ अब राज्य में राज्यपाल शासन अपरिहार्य नज़र आ रहा है. राज्य के हालात पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की है.
जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल भाजपा के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद प्रदेश में तीन साल पुराना पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूट गया है.
नीति आयोग की ताज़ा रपट तक में कहा गया है कि आधे से ज़्यादा देशवासी या तो प्यासे हैं या दूषित पानी पीने को अभिशप्त. गांवों में यह समस्या इस अर्थ में और विकट है कि वहां 84 प्रतिशत ग्रामीण इसकी ज़द में हैं.
ज़्यादातर वरिष्ठ नौकरशाहों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के संबंध में और ज़्यादा स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत है.
प्रशासनिक सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम है. मोदी सरकार की घोषणा में पारदर्शिता की कमी है. उसने लैटरल एंट्री की घोषणा की लेकिन कोई नीति पेश नहीं की.
लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.
जन गण मन की बात की 259वीं कड़ी में विनोद दुआ वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या और भारत में धर्मनिरपेक्षता पर चर्चा कर रहे हैं.