सितंबर-नवंबर 2022 में जबलपुर में हुई अग्निपथ की परीक्षा पर अभ्यर्थियों ने धांधली का आरोप लगाया है. हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सेना को निर्देश दिया है कि इस भर्ती के दौरान चयनित हुए सभी उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का ख़ुलासा किया जाए.
बीते 9 जून से अब तक जम्मू क्षेत्र में छह आतंकी हमलों की सूचना मिली है, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी और 10 नागरिकों की जान चली गई है.
पिछले साल सियाचिन में शहीद हुए भारतीय सेना के कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने हाल ही में भारतीय सेना की निकटतम परिजन नीति (एनओके) में संशोधन की मांग की थी. हालांकि, सेना के सूत्रों का कहना है कि सैन्यकर्मी की वसीयत के अनुसार सुविधाएं और पेंशन आदि दिए जाते हैं.
जम्मू संभाग में सेना के ख़िलाफ़ दो दिनों में यह दूसरी बड़ी आतंकवादी घटना है. इससे पहले रविवार की सुबह आतंकियों ने राजौरी ज़िले के एक सैन्य शिविर पर हमला किया था.
सशस्त्र बल सरकार के समक्ष सबसे पहला प्रस्ताव यह रखने का विचार कर रहे हैं जिसके तहत सेना में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 कर दिया जाए. यह संशोधन इसलिए ताकि सेना में स्नातकों को शामिल किया जाए, जिन्हें तीनों सेवाओं में तकनीकी नौकरियों के लिए तैयार किया जा सकता है.
इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?
इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा
मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में सेना में जाने की लम्बी परम्परा रही है. मसलन, अब तक हर भर्ती में मुरैना के काजी बसई गांव के 4-5 युवक सेना में चुने जाते थे. अग्निपथ योजना आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि गांव से कोई नहीं चुना गया. सेना की भर्ती पर निर्भर रहते आये ये युवक अब अनजाने काम खोज रहे हैं.
पूर्व सैनिकों का कहना है कि जब आप चार साल के अनुबंध पर लड़कों को भर्ती करेंगे, तो संभव है कि कहीं कम और कमतर लड़के सेना में जाएंगे, जिनके भीतर जुनून कम होगा, और देश के लिए मिट जाने का जज़्बा भी नहीं होगा. क्या सेना को उस श्रेणी और गुणवत्ता के जवान मिल पाएंगे जो वह चाहती है?
पूर्व नौसेना प्रमुख अरुण प्रकाश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से पूछा है कि क्या कोई लड़ाकू इकाइयों में अग्निवीरों की तैनाती को लेकर भी चिंतित है, जो बहुत कम प्रशिक्षित जवानों को सेवा में रखने के लिए मजबूर हैं?
सेना के बयान के मुताबिक, मिलिट्री ट्रेनिंग गतिविधि के दौरान पूर्वी लद्दाख में सासेर ब्रांग्सा के नज़दीक श्योक नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने की वजह से सेना का एक टैंक फंस गया, जिस पर सवार सभी जवानों ने अपनी जान गंवा दी.
दिल्ली के एलजी ने 14 साल पुराने एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय और कश्मीर यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन के ख़िलाफ़ यूएपीए केस चलाने की मंजूरी दी है. अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रतिरोध अभियान 'हम देखेंगे' का कहना है कि यूएपीए का इस्तेमाल राजनीतिक असहमति को कुचलने के लिए किया जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े एक सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि चीनी सेना डेपसांग मैदानों में भारत के दावे वाली सीमा में तेज़ी से अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को बढ़ा रही है और इसने अन्य अतिक्रमण बिंदुओं पर अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर ली है.
लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन पर यूएपीए का यह मामला साल 2010 में एक कार्यक्रम में दिए वक्तव्य से जुड़ा है. उपराज्यपाल के फैसले की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तर कश्मीर में तैनात टेरिटोरियल आर्मी की एक टीम मंगलवार रात कुपवाड़ा पुलिस थाने में घुस गई. यूनिट का नेतृत्व कर रहे सैन्य अधिकारी ने अपने एक जवान की हिरासत को लेकर थाना प्रभारी से बहस शुरू कर दी, जिसके बाद थाने के अंदर हाथापाई होने लगी.
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल, 2022 को इस पद पर नियुक्त किया गया था. एक सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है. जनरल पांडे 6 मई को 62 वर्ष के हो गए थे, इसलिए उन्हें इसी महीने 31 मई को सेवानिवृत्त होना था.