फीस लेकर जासूसी सेवाएं देने वाली ये कंपनियां इंटरनेट पर लोगों की ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने और उनकी डिवाइस व एकाउंट में सेंध लगाने का काम करती थीं. सौ देशों में अपने ग्राहकों के लिए इनके निशाने पर नेता, चुनाव अधिकारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता और मशहूर हस्तियां थे. इनमें एक भारतीय फर्म भी शामिल है.