अमेरिका का कहना है कि उसने जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, वो रूस को ऐसे सामान मुहैया करवा रही हैं, जिसका उपयोग रूस, यूक्रेन युद्ध में कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियों ने भारतीय क़ानूनों का उल्लंघन नहीं किया है और वे इस पर स्पष्टता के लिए अमेरिका के संपर्क में हैं.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी रिफाइनरों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंडियन ऑयल ने भी चीन की मुद्रा युआन में रूस से आयातित कच्चे तेल का भुगतान करने की सूचना दी है, जबकि भारतीय उपभोक्ताओं को कच्चे तेल के सस्ते आयात से कोई लाभ नहीं मिला है.