जिस संस्था की बुनियाद में नफ़रत हो वह भारत की बहुलता की समझ कैसे रख सकती है?

यदि धार्मिक आधार पर हम राष्ट्रीयता तय करेंगे तो देश में एक बहुत बड़ी खाई पैदा हो जाएगी जिसकी वजह से भारत की प्रगति में बाधा आएगी.