न्याय से इनकार करने से अंतत: अराजकता फैलेगी: सीजेआई रमना

श्रीनगर में हुए एक समारोह में सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह ज़रूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकारों और सम्मान को मान्यता दी गई है और उन्हें संरक्षित किया गया है. उन्होंने जोड़ा कि हम अपनी अदालतों को समावेशी और सुलभ बनाने में बहुत पीछे हैं. अगर इस पर तत्काल ध्यान नहीं देते हैं, तो न्याय तक पहुंच का संवैधानिक आदर्श विफल हो जाएगा.

न्याय मिलना तभी संभव है जब पर्याप्त अदालतें और बुनियादी संरचना हो: सीजेआई रमना

देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमारी न्यायपालिका पर काम का बोझ है. देश के विभिन्न हिस्सों में न्यायिक अवसंरचना अपर्याप्त है. भारतीय न्यायपालिका और ख़ासकर निचली अदालतों को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा लंबित मामलों का है.