उच्चतम न्यायालय ने कहा, 'मीडिया रिपोर्टिंग पीड़ित का नाम लिए बगैर भी की जा सकती है. भले ही पीड़ित नाबालिग या विक्षिप्त हो तो भी उसकी पहचान का खुलासा नहीं करना चाहिए.'
प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि हम कैमरा देखते ही बयान देने लग जाते हैं. मीडिया जो हिस्सा उपयोगी समझता है, उसका इस्तेमाल करता है. यह उसकी ग़लती नहीं है. हमें ख़ुद को रोकना होगा.
विशेष रिपोर्ट: दैनिक जागरण ने बीते 20 अप्रैल को ‘कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुष्कर्म’ शीर्षक से एक रिपोर्ट अपने सभी प्रिंट और आॅनलाइन संस्करणों में प्रमुखता से प्रकाशित की थी.
ख़ुफ़िया कैमरे की मदद से किए गए कोबरापोस्ट के ‘ऑपरेशन 136’ में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने को राज़ी होते नज़र आ रहे हैं.
गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता के ज़रिये ब्रिटिश शासन के साथ-साथ देसी सामंतों को भी निशाने पर लेते थे. उनका दफ़्तर क्रांतिकारियों की शरणस्थली था तो युवाओं के लिए पत्रकारिता का प्रशिक्षण केंद्र.
साल दर साल भारत में मीडिया पर नियंत्रण और सेंसरशिप ख़त्म होने के बजाय बढ़ रही है. इस मामले में सभी राजनीतिक दल एक जैसे हैं. वे आज़ाद मीडिया की जगह नियंत्रित मीडिया को प्यार करते हैं.
शोर के इस दौर में समझदार, ख़ामोश लेकिन नीलाभ जैसी दृढ़ आवाज़ का शांत हो जाना बड़ा अभाव है लेकिन जीवन में आनंद लेने और उसे स्वीकार करने वाले मित्र का न रहना जो शिकायती न हो, ज़्यादा बड़ा नुकसान है.
नीलाभ ने साल 2016 में नेशनल हेराल्ड को एक डिजिटल वेबसाइट के रूप में दोबारा शुरू किया था. इसकी स्थापना साल 1938 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी.
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कुछ कहा वो सब वे तीन साल से बोल रहे हैं. आपको बुरा लगेगा लेकिन आप प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की व्याख्या देखेंगे तो वह दसवीं कक्षा के निबंध से ज़्यादा का नहीं है.
जन गण मन की बात की 170वीं कड़ी में विनोद दुआ मीडिया द्वारा ज़रूरी मुद्दों की अनदेखी और बेवजह के विषयों पर तमाशा खड़ा करने पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 23वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश फिल्म पद्मावती से जुड़े विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार रितुल जोशी और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं.
अमेरिका ने कहा कि वह भारत में गैर सरकारी संगठनों को करीब 5 लाख डॉलर की मदद के जरिये वहां सामाजिक सहिष्णुता में वृद्धि करना चाहता है.
मीडिया बोल की 22वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश 2022 के आम चुनाव और मीडिया की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव और इतिहासकार मृदुला मुखर्जी से चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 21वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश पत्रकारों पर बढ़ते हमले पर अधिवक्ता व मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश वर्ल्ड हंगर इंडैक्स में भारत की स्थिति और अयोध्या में राम की प्रतिमा के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.