भारतीय राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) का कहना है कि दवा निर्माताओं ने कुछ कारणों का हवाला देते हुए दामों में संशोधन की मांग की थी, जिसके चलते उसने व्यापक जनहित में दवाइयों की क़ीमतें बढ़ाई हैं.
वीडियो: बीते सालों में भारतीय दवाओं की गुणवत्ता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे हैं. देश में भी दूषित या मिलावटी दवा के चलते मौत की घटनाएं देखी गई हैं. ऐसे में सरकार दवाओं के विनियमन और इनकी मानक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए क्या करती है? कैसे काम करता है भारत का ड्रग रेगुलेशन सिस्टम?