वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश आय से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिसको पूरा करने के लिए देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का निजीकरण आवश्यक है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते नवंबर में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की रणनीतिक बिक्री को मंज़ूरी दी थी. कंपनी के निजीकरण के लिए बोली लगाने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जा सकती है.
सार्वजनिक क्षेत्र के तेल उपक्रम भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा कंपनी का निजीकरण करना देश के लिए आत्मघाती साबित होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के नियंत्रण से बाहर कर सरकार पेट्रोलियम कंपनी में अपनी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम के राष्ट्रीकरण संबंधी कानून को 2016 में रद्द कर दिया था. ऐसे में भारत पेट्रोलियम को निजी या विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए सरकार को संसद की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का आरोप, सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों को बंद करने का प्रयास कर रही है केंद्र सरकार. अर्थव्यवस्था पर की श्वेत पत्र लाने की मांग.