रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक खलासी और हेल्पर के पदों के लिए आवेदन करने वाले 4,19,137 उम्मीदवारों के पास बीटेक और 40,751 उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री है.
कैग ने 2014-15 से लेकर 2016-17 के बीच दिए गए 463 कांट्रैक्ट में काम करने वाले ठेके के मज़दूरों के हालात की समीक्षा की है. रिपोर्ट देखेंगे तो पता चलेगा कि रेलवे बग़ैर किसी मंत्री के चल रहा है. राम भरोसे कहना ठीक नहीं क्योंकि राम भरोसे तो सारा देश चलता है.
धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के नाम पर दिव्य दीपावली समेत कई सरकारी आयोजनों में भावनाओं के दोहन के लिए भारी-भरकम योजनाओं के बड़े-बड़े ऐलानों द्वारा लगातार ऐसा प्रचारित किया जा रहा है जैसे अयोध्या में स्वर्ग उतारकर हर किसी के लिए लाल गलीचे बिछा दिए गए हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इसके एकदम उलट है.
रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच रेल की पटरियों पर ट्रेन की चपेट में आने के चलते 49,790 लोगों ने जान गंवाई. रेलवे इन मौतों की कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता और ऐसे व्यक्तियों को 'ट्रेसपासर' यानी अतिक्रमण करने वाला मानता है.
पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन से नई दिल्ली जाने वाली न्यू फरक्का एक्सप्रेस बुधवार सुबह रायबरेली के पास हुई दुर्घटनाग्रस्त. रेल मंत्री ने दिए जांच के आदेश. यूपी सरकार द्वारा मृतकों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हज़ार रुपये मुआवज़ा देने का ऐलान.
रेल मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है.
'मेट्रो मैन' के नाम से विख्यात ई श्रीधरन का कहना है कि देश को बुलेट ट्रेन नहीं बल्कि एक स्वच्छ और सुरक्षित रेल प्रणाली की ज़रूरत है. भारतीय रेल में जैव-शौचालयों के अलावा कोई तकनीकी उन्नति नहीं हुई है. भारतीय रेलवे विकसित देशों से 20 साल पीछे है.
बेस्ट ऑफ 2018: आधुनिकीकरण के नाम पर रेलवे स्टेशनों को निजी कंपनियों को सौंपने की पूरी तैयारी है, लेकिन देश के पहले तथाकथित मॉडल स्टेशन के शुरुआती अनुभव आम रेल यात्रियों के लिए डराने वाले हैं.
महिला सांसदों ने ट्रेनों में उनके सामान की चोरी का मामला राज्यसभा में उठाया. सरकार ने स्वीकार किया कि शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में खानपान संबंधी नौ हज़ार शिकायतें मिलीं.
जन गण मन की बात की 105वीं कड़ी में विनोद दुआ हालिया रेल हादसों और देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
भारतीय रेलवे में ‘खराब उपनिवेशवाद’ और ‘अच्छे राष्ट्रवाद’ के बंधे-बंधाए झगड़े के परे कई साधारण कहानियों, कल्पनाओं और अतिशयोक्तियों का अस्तित्व है.