इसमें कोई शक नहीं कि रामायण और महाभारत जैसी मिथकीय गाथाओं का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर कहीं व्यापक असर पड़ा, मगर जो मानक बुनियाद ने बनाया, उसे फिर नहीं बनाया जा सका.
रीता भादुड़ी ने तीन दशक के अपने करिअर में बेटा, जूली, सावन को आने दो, कभी हां कभी ना जैसी फिल्मों के अलावा साराभाई वर्सेस साराभाई, छोटी बहू, कुमकुम, हसरतें, मुजरिम हाज़िर, खिचड़ी जैसे धारावाहिकों में काम किया था.