रद्द होने के 6 साल बाद भी आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत केस दर्ज होने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान

सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दिया था. इसके तहत कंप्यूटर या कोई अन्य संचार उपकरण जैसे मोबाइल फोन या टैबलेट के माध्यम से संदेश भेजने के लिए दंड निर्धारित किया गया और दोषी को अधिकतम तीन साल की जेल हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा के ख़त्म किए जाने के बाद भी राज्यों द्वारा इसके तहत केस दर्ज किए जाने पर केंद्र सरकार नोटिस जारी किया है.

तमिलनाडुः 50 से अधिक युवतियों का यौन शोषण, एआईएडीएमके सदस्य था एक आरोपी, पार्टी ने हटाया

तमिलनाडु के पोल्लाची कस्बे से एक गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया. ये युवतियां चेन्नई, कोयंबटूर, सालेम और तमिलनाडु के कई अन्य हिस्सों की हैं. इनमें स्कूल और कॉलेज की शिक्षिकाएं, डॉक्टर और कॉलेज छात्राएं हैं.

आईटी क़ानून की ख़त्म धारा में गिरफ़्तारी का आदेश देने वालों को जेल भेज देंगे: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने आईटी क़ानून धारा 66ए के तहत कथित गिरफ़्तारियों पर केंद्र सरकार को नोटिस दिया. याचिकाकर्ताओं का आरोप, क़ानून ख़त्म होने के बावजूद 22 से ज़्यादा लोग गिरफ़्तार.