कर्नाटक में पिछले साल सितंबर में दो लोगों ने स्थानीय मस्जिद में घुसकर 'जय श्री राम' के नारे लगाए थे. इससे जुड़ी याचिका सुनते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 295 ए के तहत तब तक अपराध नहीं माना जाता, जब तक उससे क़ानून-व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.