क्या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को मानेगा इज़रायल?

वीडियो: गाजा पर इज़रायल के हमले के बीच दक्षिण अफ्रीका ने इस पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख़ किया था, जिसने अपने निर्णय में इज़रायल को जेनोसाइड कन्वेंशन का पालन करने को कहा है. हालांकि इसने युद्धविराम का निर्देश नहीं दिया. फैसले की बारीकियों पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत.

आईसीजे ने इज़रायल से नरसंहार कन्वेंशन का पालन करने को कहा, सैन्य अभियान रोकने का निर्देश नहीं

दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में मुक़दमा दायर करते हुए इससे युद्धविराम का निर्देश देने की मांग की थी.

यूएन विशेषज्ञों ने गाज़ा नरसंहार की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अदालत में शुरू होने का स्वागत किया

इज़रायल द्वारा गाज़ा में जारी नरसंहार के मामले को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया है, जिसका स्वागत करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि हम इस मामले को आईसीजे में लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की सराहना करते हैं, जब गाज़ा में फिलिस्तीनियों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.

आईसीजे के भारतीय जज ने रूस के ख़िलाफ़ वोट दिया, विदेश मंत्रालय ने कहा- उनका निजी मत

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने बीते 16 मार्च रूस को आदेश दिया था कि वह यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध रोके. अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया था, जबकि दो ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया था. भारत से न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के ख़िलाफ़ मतदान किया था.