कर्नाटक में बीते कई दिनों से मुस्लिम छात्राओं के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर विवाद है, जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई भी चल रही है. इसे लेकर अमेरिकी सरकार के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत ने टिप्पणी पर भारत ने कहा कि देश के आंतरिक मामलों पर किसी अन्य मक़सद से प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं है.
स्वीडन के इस इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में भाजपा और नरेंद्र मोदी की जीत के बाद से देश का लोकतांत्रिक स्वरूप काफी कमज़ोर हुआ है और अब ये ‘तानाशाही’ की स्थिति में आ गया है.
लोकतंत्र निगरानी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी. इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को ‘उपदेशों’ की जरूरत नहीं है.
अमेरिकी सरकार के थिंक टैंक फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी.
विश्वभर में में धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी का ज़िम्मा संभाल रहे अमेरिकी आयोग ने भारत को ‘खास चिंता वाले देशों’ की सूची में डालने की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि देश में धार्मिक आज़ादी की दशा में बड़ी गिरावट आई है. भारत ने आयोग की आलोचनाओं को पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण कहा है.
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुए आयोजन में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग, एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिका, ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे संगठनों से जुड़े लोगों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.