हिंदी दिवस परिचर्चा: ‘सेलेब्रिटी एंकर’ और वायरल वीडियो के चंगुल में फंसी हिंदी पत्रकारिता?

पिछले वर्षों में हिंदी पत्रकारिता अमूमन यूट्यूब और वायरल वीडियो तक सिमट गई है. ज़मीनी पत्रकार की जगह 'सेलेब्रिटी एंकर' ने ली है. क्या यूट्यूब के भड़काऊ मोनोलॉग खोजी पत्रकारिता का गला घोंट रहे हैं? हिंदी के प्रख्यात नाम वीडियो तक क्यों सिमट गए हैं? उन्होंने गद्य का रास्ता क्यों त्याग दिया है?

इस विषय पर द वायर हिंदी की परिचर्चा.

पत्रकारिता सभ्यता का दर्पण और खोजी पत्रकारिता इसका एक्स-रे है: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्ष 2008 में कुछ पत्रकारों के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि के मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ईमानदार पत्रकारिता सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों को अदालतों के संरक्षण की आवश्यकता है, ताकि वे हानिकारक परिणामों से डरे बिना समाचार प्रकाशित कर सकें.

मानव तस्करी पर द वायर में प्रकाशित रिपोर्ट ने खोजी रिपोर्टिंग में इटली का शीर्ष पुरस्कार जीता

यह रिपोर्ट इस बात पर गहराई से प्रकाश डालती है कि कैसे अच्छी कमाई के विचार से आकर्षित होकर हज़ारों पंजाबी युवा इटली जाने के लिए तस्करों को लाखों रुपये का भुगतान करते हैं और वहां जाकर उन्हें लगभग गुलामी की स्थितियों में काम करना पड़ता है. तीन अन्य पत्रकारों के साथ द वायर से जुड़ीं कुसुम अरोड़ा ने इस रिपोर्ट को लिखा था.

कर्नाटक पुलिस पर आरोप, ख़बर का स्रोत उजागर करने के लिए न्यूज़ पोर्टल को कर रही प्रताड़ित

कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल ‘द फाइल’ के संस्थापक संपादक जी. महंतेश को बेंगलुरु पुलिस ने नोटिस जारी कर पोर्टल पर प्रकाशित एक ख़बर के लिए हासिल किए गए दस्तावेज़ों के स्रोत का नाम और विवरण बताने को कहा है. इस क़दम की अन्य न्यूज़ पोर्टल ने यह कहते हुए निंदा की है कि अपने स्रोत का ख़ुलासा करना पत्रकारिता की नैतिकता के ख़िलाफ़ है.

मीडिया परिदृश्य से खोजी पत्रकारिता गायब हो रही है: चीफ जस्टिस रमना

पेशेवर करिअर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में करने वाले चीफ जस्टिस एनवी रमना ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पूर्व में हमने घोटालों और कदाचार को लेकर अख़बारों की रिपोर्ट देखी हैं, जिनसे हलचल पैदा हुई हैं, लेकिन हाल के सालों में बेमुश्किल एक या दो को छोड़कर इस तरह की कोई खोजी रिपोर्ट याद नहीं आती.