अडानी समूह को बचाने के लिए एसबीआई, एलआईसी को निवेश के लिए मजबूर किया गया: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम को अडानी समूह को बचाने के लिए निवेश करने के लिए मजबूर किया गया, जिसने लोगों की जीवन भर की बचत को ख़तरे में डाल दिया है.

अडानी समूह में एलआईसी का निवेश ‘नकारात्मक’ स्थिति में पहुंचा: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के बाद बीते 22 फरवरी तक एलआईसी, अडानी समूह के अपने निवेश में 94 करोड़ रुपये के लाभ में था, लेकिन 23 फरवरी को दोपहर तक वह 500 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया था.

इस बार का बजट चालाकी से अपने असली इरादों को जनकल्याण के परदे में छिपाता है

बजट 2023-24 का लोकलुभावनवाद यह है कि यह दिखने में तो समाज के हर वर्ग, चाहे वे स्त्रियां हों, जनजातियां, दलित, किसान या फिर सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम, को कुछ न कुछ देने की बात करता है, लेकिन घोषणाओं का तभी कोई अर्थ होता है, जब हर किसी के लिए लिए पर्याप्त फंड का आवंटन भी हो.

बीते नौ सालों से ठहरी अर्थव्यवस्था को ‘अमृत काल’ का यह बजट कोई ख़ास राहत नहीं देता

बजट को चाहे जितना भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए, नरेंद्र मोदी के सत्ता में नौ साल की विरासत मैन्युफैक्चरिंग, निजी निवेश और रोज़गार में ठहराव की है. हाल के दिनों में बढ़ती महंगाई एक अतिरिक्त समस्या बन गई है.

संपत्ति मौद्रिकरण योजना: रेलवे, टेलीकॉम और पेट्रोलियम क्षेत्र वित्त वर्ष 2023 के लक्ष्य से दूर

राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन के तहत केंद्र की महत्वाकांक्षी संपत्ति मौद्रिकरण योजना में वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे, दूरसंचार व पेट्रोलियम क्षेत्र तय निर्धारित लक्ष्यों से पिछड़ गए हैं, जिसके चलते योजना लक्ष्य से चूकती दिख रही है. नतीजतन, राजस्व और निवेश में लक्ष्य के मुकाबले लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये की कमी हो सकती है.

जम्मू कश्मीर में निवेश को लेकर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट लोकसभा में दिए गए आंकड़े से अलग

गृह मंत्रालय ने 2022 की अपनी समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि बीते तीन सालों में मोदी सरकार के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में 56,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, लेकिन इससे पहले दिसंबर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में समान अवधि में 1,084 करोड़ रुपये का निवेश होने की बात कही थी.

साल 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में भारी निवेश के दावे झूठे: महबूबा मुफ़्ती

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद जम्मू कश्मीर में भारी निवेश आने के भारत सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद संसद में उनकी ओर से पेश आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. वर्ष 2017-2018 में 840 करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 में 376 करोड़ रुपये का निवेश आया है.