पीटर मुखर्जी ने ईडी को बताया था, मुकेश अंबानी परिवार के पास था आईएनएक्स मीडिया का स्वामित्व

पीटर मुखर्जी का 2018 में दिया यह बयान दिखाता है कि ईडी के आरोपों के अनुसार जो रिश्वत कार्ति चिदंबरम को दी गई थी, वह असल में मुकेश अंबानी की एक फर्म के लिए थी. हालांकि यह साफ नहीं है कि मोदी सरकार की इस प्रमुख जांच एजेंसी ने यह जानकारी मिलने के बाद क्या कदम उठाया था.

सरकार को अर्थव्यवस्था की कोई ख़बर नहीं, असामान्य रूप से मौन हैं प्रधानमंत्री: चिदंबरम

106 दिन जेल में रहने के बाद अपनी पहली प्रेस वार्ता में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है लेकिन यह सरकार ऐसा करने में अक्षम है. प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को लोगों को बेवक़ूफ़ बनाने तथा शेखी बघारने के लिए छोड़ दिया है.

आईएनएक्स मीडिया: चिदंबरम ने जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम को जमानत देने से बीते शुक्रवार को इनकार कर दिया था.

आईएनएक्स मीडिया: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई मामले में चिदंबरम को जमानत दी

चूंकि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम आईएनएक्स मामले में ही ईडी द्वारा दर्ज एक अन्य केस में गिरफ्तार किए गए हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी वे जेल से बाहर नहीं आ सकते हैं.

आईएनएक्स मीडिया मामला: सीबीआई ने पी. चिंदबरम, कार्ति और अन्य के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर किया

दिल्ली की अदालत में दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में क़रीब 10 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनीं इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है.

आईएनएक्स मीडिया मामला: ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ़्तार किया

आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने ईडी को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से पूछताछ करने और गिरफ़्तार करने की अनुमति दी थी. हालांकि, अदालत ने ईडी को चिदंबरम से राउज एवेन्यू अदालत परिसर में पूछताछ की इजाजत देने से इनकार करते हुए कहा था कि सार्वजनिक रूप से गिरफ़्तार करना उनके सम्मान के लिहाज से ठीक नहीं है.

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

आईएनएक्स मीडिया मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 30 सितंबर के फैसले को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

आईएनएक्स मीडिया मामले में उच्च न्यायालय का चिदंबरम को ज़मानत देने से इनकार

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई द्वारा 21 अगस्त को नई दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था. वह तीन अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं.

सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मुलाकात की

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में कथित अनियमितता के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने उन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था.

आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामला: चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया

वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंज़ूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था.

आईएनएक्स मीडिया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया

सीबीआई ने बीते 21 अगस्त को पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. चिदंंबरम को अग्रिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद अब ईडी उन्हें हिरासत में ले सकती है.

आईएनएक्स मीडिया मामला: चिदंबरम की हिरासत अवधि तीन दिन के लिए बढ़ाई गई

बीते 21 अगस्त की रात पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद से वह सीबीआई की हिरासत में हैं.

चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज करने वाले जज मनी लॉन्ड्रिंग अपीलीय ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष बने

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सुनील गौड़ ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पिछले हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

आईएनएक्स मीडिया: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

कोर्ट ने कहा कि इस याचिका का अब कोई मतलब नहीं है क्योंकि चिदंबरम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वो सीबीआई की कस्टडी में हैं. वे नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट के सामने याचिका दायर कर सकते हैं.