राज्य की एक महिला ने अपने पति पर बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था, जिसे उनके पति ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. जस्टिस एनके चंद्रवंशी की एकल पीठ ने इस पर निर्णय देते हुए कहा कि पत्नी के साथ बलपूर्वक या उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध या क्रिया क़ानूनन बलात्कार नहीं है.