सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि यह करोड़ों श्रृद्धालुओं की आस्था से जुड़ा महोत्सव है और सदियों की परंपरा को तोड़ा नहीं जा सकता. इससे पहले कोरोना वायरस के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमने रथ यात्रा की अनुमति दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ़ नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के कारण इस साल पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा पर लगाई रोक. ओडिशा के पुरी में 23 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन होने वाला था.
इस साल मार्च में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी के साथ ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर गए थे. आरोप है कि गर्भगृह के रास्ते पर कुछ सेवादारों ने उनका रास्ता रोका था और कुछ ने उनकी पत्नी के साथ धक्का-मुक्की भी की थी.