नई दिल्ली के कनॉट प्लेस का यह मामला 26 मई का है. आरोप है कि सुबह की सैर पर निकले पुणे के डॉ. अरुण गद्रे को रोककर कुछ युवाओं ने पहले उनका धर्म पूछा और फिर जय श्रीराम के नारे लगाने को मजबूर किया.
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि उनका राम अभियान धार्मिक नहीं था. वह राम के नाम की आड़ में एक मुसलमान घृणा से युक्त राजनीतिक हिंदू के निर्माण का अभियान था. जय श्रीराम इसी गिरोह का एक राजनीतिक नारा है. इस नारे का राम से और राम के प्रति श्रद्धा से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं. आप जब जय श्रीराम सुनें तो मान लें कि आपको जय आरएसएस कहने की और सुनने की आदत डाली जा रही है.