मलियाना दंगे और जयपुर विस्फोट मामले में अदालतों ने घटिया जांच और आपराधिक जांच प्रणाली में जवाबदेही की कमी की बात कही है. जहां राजस्थान में विपक्षी भाजपा के साथ कांग्रेस सरकार फैसले के ख़िलाफ़ अपील की बात कह रही है, वहीं मलियाना मामले में यूपी की भाजपा सरकार के साथ विपक्ष ने भी कोई ख़ास प्रतिक्रिया नहीं दी है.
13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 71 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रायल कोर्ट ने साल 2019 में मामले के चार आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य का कोई भी पहलू साबित नहीं हुआ और कुछ साक्ष्य मनगढ़ंत भी प्रतीत होते हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ जांच के निर्देश भी दिए गए.