कश्मीर के माकपा नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी पहले ऐसे कश्मीरी नेता हैं जो हिरासत में रखे जाने के बाद दिल्ली आ सके. नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि पाबंदियों के कारण कश्मीरी धीरे-धीरे मर रहे हैं, घुटन हो रही है वहां.
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों के कारण अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्हें विद्यालय नहीं भेज रहे हैं.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के 40वें दिन बाद भी कश्मीर में जनजीवन प्रभावित है.
अधिकारियों ने बताया कि वाणिज्यिक केंद्र लाल चौक और आसपास के इलाकों के सभी प्रवेश द्वारों को कंटीले तारों से बंद कर दिया गया है और भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि लाल चौक के वाणिज्यिक केंद्रों और आस-पास के इलाकों को सभी प्रवेश स्थलों पर तारबंदी कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
दमन और दीव के कार्मिक विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर लिया जाता है, तब तक उन्हें निर्धारित काम करने होंगे.
यूरोलॉजी में गोल्ड मेडल विजेता ओमर सलीम अख़्तर को तब गिरफ़्तार कर लिया गया जब वे मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान वे लगातार कह रहे थे कि वे केवल मानवता संकट पर ध्यान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि येचुरी तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.