जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि एक महिला का प्रवासी के रूप में उसका दर्जा केवल इसलिए छिन जाना क्योंकि उसे परिवार बसाने की इच्छा और मौजूदा परिस्थितियों के कारण एक गैर-प्रवासी से विवाह करना पड़ा, घोर भेदभावपूर्ण और न्याय की अवधारणा के विरुद्ध होगा.
राज्य के दर्जे और अन्य संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांगों के संबंध में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ बातचीत से पहले लद्दाख के निर्वाचित प्रतिनिधि दो स्वायत्त हिल काउंसिल के बजट में भारी कटौती को लेकर नाराज़ हैं. उनके बजट (विकास निधि) में 110 करोड़ रुपये की कटौती की गई है.
डोडा के ज़िला सूचना अधिकारी ने एक स्थानीय निवासी और एक्टिविस्ट रहमतुल्ला की हिरासत के बारे में वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए 'द चिनाब टाइम्स' के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. बीते दिनों ही सीएम उमर अब्दुल्ला ने लोकतंत्र के लिए मीडिया के स्वतंत्र होने की पैरवी की थी.
चिनाब घाटी के किश्तवाड़ जिले में रविवार का हमला उस स्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर किया गया था, जहां 7 नवंबर को सुरक्षा बलों ने दो विलेज डिफ़ेंस गार्ड के गोलियों से छलनी शव बरामद किए थे.
अब्दुल्ला सरकार के सत्ता संभालने के बाद लक्षित हमलों और उग्रवाद विरोधी अभियानों में करीब दो दर्जन नागरिक, सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी मारे गए हैं. ताज़ा घटना किश्तवाड़ की चतरू तहसील में हुई है, जो जम्मू और कश्मीर के बीच की सीमा पर है. पिछले कुछ महीनों से यहां आतंकी गतिविधियों में तेज़ी देखी गई है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा 6 नवंबर को अनुच्छेद 370 की बहाली पर प्रस्ताव पारित किया. भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव को लेकर 7 नवंबर को भी सदन में भारी हंगामा किया, जिसके बाद तीन भाजपा नेताओं को मार्शलों द्वारा विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया.
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल याचिका में कहा गया था कि उपराज्यपाल को विधानसभा सदस्यों को नामित करने का अधिकार देने वाले मौजूदा प्रावधान संविधान की मूल भावना और संरचना के ख़िलाफ़ हैं. उन्हें यह नामांकन करने से पहले मंत्रिपरिषद से सलाह लेनी चाहिए.
हमला गांदरबल ज़िले में विकास परियोजना पर काम कर रही लखनऊ की निर्माण कंपनी एपीसीओ इंफ्रा के बेस कैंप पर हुआ. हमले से प्रवासी श्रमिकों के बीच डर का माहौल पैदा होने की संभावना है जो निर्माण, कृषि सहित अन्य कुशल और अकुशल क्षेत्रों में काम करके कश्मीर में अपनी आजीविका कमा रहे हैं.
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 'द कारवां' पत्रिका को जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित रिपोर्ट के संबंध में कारण बताओ नोटिस भेजा है. इससे पहले पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में उक्त रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट से हटाने के लिए कहा गया था.
जम्मू-कश्मीर में 2022 में चुनावी क्षेत्रों के पुनर्निधारण के लिए परिसीमन की प्रक्रिया की गई थी, जिसके बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो गई थी. हालांकि, चुनावी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा को इससे कोई ख़ास लाभ नहीं हुआ.
अविभाजित जम्मू-कश्मीर में दशक भर पहले हुए विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी वर्तमान चुनाव में दहाई का अंक भी नहीं छू पाई है और केवल एक सीट जीती है तथा तीन पर आगे चल रही है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला के आरोपों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने 'भ्रामक और अटकलबाजी' करार देते हुए कहा है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि कठुआ ज़िले में तीन से चार आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद एक तलाशी अभियान शुरू किया गया था, जहां तलाशी दल के सदस्यों पर आतंकियों ने हमला कर दिया.
जम्मू कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी अचानक चुनावी मैदान में कूद पड़ा है. वर्ष 1987 के विधानसभा चुनावों के बाद इसने कभी चुनावों में भाग नहीं लिया था. इसलिए यह कोई मामूली बात नहीं है.
किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले की सीमा पर शुक्रवार का हमला चेनाब घाटी के निकटवर्ती डोडा ज़िले में भाजपा की एक रैली से एक दिन पहले हुआ है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे.