पिछले साल 26 और 27 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के राजौरी तहसील में स्थित एक ईंट-भट्टे से 91 मज़दूरों को मुक्त कराया गया. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी शामिल हैं. ये सभी छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चापा ज़िले के रहने वाले हैं.
अमेरिका की महिला सांसद डेबी डिंगेल ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में अन्यायपूर्ण तरीके से हज़ारों लोगों को हिरासत में लिया गया है और लाखों लोगों की पहुंच इंटरनेट और टेलीफोन तक नहीं है.
आतंकियों के साथ पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी दविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान सामने आया है कि सिंह ने आतंकियों को श्रीनगर के हाई-सिक्योरिटी इलाके में स्थित अपने घर में पनाह दी थी.
जिन 26 लोगों पर से जन सुरक्षा कानून हटाया गया है उनमें से कुछ केंद्र शासित प्रदेश से बाहर उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में बंद हैं. इनमें जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा भी शामिल हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद सेंट्रल जेल में हिरासत में रखा गया है.
एनसीआरबी द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार 2016 की तुलना में 2018 में राजद्रोह के दोगुने मामले दर्ज हुए हैं. जिन राज्यों में ये मामले दर्ज हुए उनमें झारखंड पहले स्थान पर है, इसके बाद असम, जम्मू कश्मीर, केरल और मणिपुर हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि इंटरनेट का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत बोलने एवं अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा है. इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने का कोई भी आदेश न्यायिक जांच के दायरे में होगा.
स्वेच्छा से खुद के चुने हुए लोगों से मिलने की इच्छा रखने के कारण यूरोपीय संघ के राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर का यह दौरा टाल दिया. वे राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात करना चाहते हैं, जो 5 अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद से ही हिरासत में हैं.
जम्मू कश्मीर में साल 2018 में पत्थर फेंकने की 1458 और 2017 में 1412 घटनाएं दर्ज की गईं. पिछले साल पांच अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद से यहां 1193 घटनाएं दर्ज की गई हैं. अगस्त 2019 में राज्य में पत्थरबाज़ी की कुल 658 घटनाएं सामने आईं, जबकि उससे पहले जुलाई में सिर्फ़ 26 घटनाएं हुई थीं.
पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने कहा कि हाल के दिनों में हमने जो हासिल किया वह हमारी (भारत की) मौलिक छवि को पाकिस्तान से जोड़ता है, जो एक असहिष्णु देश है. हमने विरोधियों को एक मंच दिया है, जिस पर हम पर हमला किया जा सकता है.
बीते अगस्त में केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाकर दो हिस्सों में बांटने के फ़ैसले के पहले से तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई स्थानीय नेता हिरासत में हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर की राजौरी तहसील के दो ईंट-भट्ठों से 91 बंधुआ मज़दूरों को छुड़ाकर दिल्ली लाया गया है. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी हैं. ये सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले के हैं. इनसे द वायर की संतोषी मरकाम से बातचीत.
बीते नवंबर में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने राज्यसभा में बताया था कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म होने और विभिन्न पाबंदियों के बाद राज्य में पर्यटन पर कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ा है. आरटीआई के तहत पर्यटन विभाग द्वारा दी गई जानकारी उनके दावे के उलट तस्वीर बयां करती है.
हालांकि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि चूंकि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को एसएसजी सुरक्षा मिली हुई है, लिहाजा उन्हें कहीं भी जाने से पहले पुलिस की मंजूरी लेनी होती है.
कश्मीर प्रेस क्लब ने मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसी रोक लगाई है, ताकि सूचना के प्रवाह पर रोक लगाई जा सके.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने 26 दिसंबर 2019 एक विज्ञापन जारी कर विभिन्न ज़िला अदालतों में ग़ैर-राजपत्रित श्रेणी में ख़ाली 33 अलग-अलग पदों के लिए आवेदन मांगे थे.