उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि पर अदालत का निर्देश: चुनाव आयोग ने कोष पर दलों को पत्र लिखा

निर्वाचन आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि उसने एक कोष का निर्माण किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर अदालत की अवमानना के लिए जुर्माना जमा कराया जा सकता है. बीते दस अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि उन्हें अपनी वेबसाइट के होमपेज पर उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में सूचना प्रकाशित करनी होगी. 

दागी उम्मीदवारों की जानकारी नहीं देने पर भाजपा और कांग्रेस सहित आठ दलों पर जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छह पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, राजद, जदयू, भाकपा और लोक जनशक्ति पार्टी पर आंशिक रूप से आदेश का पालन नहीं करने के लिए एक-एक लाख रुपये और माकपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर आदेश का पूर्ण रूप से पालन नहीं करने के लिए पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा अपनी आधिकारिक

नौकरशाहों पर बात न मानने का आरोप लगाकर बिहार सरकार में मंत्री ने इस्तीफ़ा दिया

बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उनके द्वारा तैयार की गई विभागीय अधिकारियों के तबादले एवं पदस्थापन की सूची तीन दिनों से एक विभागीय अधिकारी लेकर बैठे हैं और उसे जारी नहीं कर रहे हैं. मंत्री के आरोपों को लेकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.

बंगाल चुनाव परिणामों के बीच प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार की भूमिका छोड़ी

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि यह समय जीवन में कुछ और करने का है. उन्होंने कहा कि इस तरह का पक्षपाती निर्वाचन आयोग नहीं देखा, उसने भाजपा की मदद के लिए तमाम क़दम उठाए. भाजपा को धर्म का इस्तेमाल करने दिया, उसके मुताबिक चुनावी कार्यक्रम बनाए गए और नियमों से खिलवाड़ किया गया.

यूपी: मालेगांव धमाके के आरोपी जदयू में शामिल, पार्टी ने कहा- कोर्ट ने उन्हें दोषी नहीं ठहराया है

पुणे में रहने वाले 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले के एक आरोपी रमेश उपाध्याय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं. साल 2012 में अदालत से मंज़ूरी लेने के बाद उन्होंने हिंदू महासभा के टिकट पर बलिया के बैरिया से विधानसभा चुनाव लड़ा था.

बिहार: राजद के पांच एमएलसी ने पार्टी छोड़ी, रघुवंश प्रसाद सिंह ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया

साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले​ इस राजनीतिक घटनाक्रम से राजद को बड़ा झटका लगा है. पांच एमएलसी के पार्टी छोड़ने के बाद 75 सदस्यीय सदन में राजद के सदस्यों की संख्या महज़ तीन रह गई है. पर्याप्त संख्या बल के बिना राबड़ी देवी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी गंवा सकती हैं.

विवादों के घेरे में क्यों है प्रशांत किशोर का ‘बात बिहार की’ अभियान?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान को लेकर प्रशांत किशोर पर आइडिया चोरी करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है.

नीतीश कुमार से अलग हुए प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे?

जदयू से बाहर निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की' कैंपेन शुरू किया है. उनका कहना है कि इसके ज़रिये वे सकारात्मक राजनीति करने के इच्छुक युवाओं को जोड़ना चाहते हैं. कैंपेन के तहत उनके द्वारा दिए जा रहे आंकड़े बिहार की एनडीए सरकार के राज्य में पिछले 15 सालों में हुए विकास के दावों पर सवाल उठाते हैं.

‘सांकेतिक प्रतिनिधित्व’ मिलने से नाराज़ जदयू मोदी मंत्रिमंडल में नहीं हुई शामिल

जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के न्योते को लेकर उनकी पार्टी ने सहमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई नाराज़गी नहीं है. हम सब राजग के साथ हैं और रहेंगे.

नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर ने एक-दूसरे को क्यों चुना?

विशेष रिपोर्ट: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने हाल ही में पार्टी की सदस्यता ली और अब नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है.

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जदयू में शामिल

प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन की ओर से प्रचार कर चुके हैं.

‘खीर’ का ज़िक्र कर कौन-सी ‘खिचड़ी’ पका रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा?

बिहार में यादव समुदाय की आबादी करीब 15 प्रतिशत और कुशवाहा समुदाय की करीब 8 फीसदी है. ऐसे में अगर उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए छोड़ कर राजद के साथ जाते हैं, तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है.

जदयू और भाजपा का गठबंधन सिर्फ बिहार में, राष्ट्रीय स्तर पर हम साथ नहीं: नी​तीश कुमार

महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने राजद को ‘भ्रष्ट’ बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राजग में है और वह 2019 का चुनाव अपने सहयोगियों के साथ लड़ेगी.

बिहार में क्या भाजपा-जदयू गठबंधन के दिन पूरे हो चुके हैं?

बिहार में इन दिनों घट रहीं सियासी घटनाएं बता रही हैं कि भाजपा और जदयू के बीच 2013 के पहले जैसा तालमेल था, वैसा अब नहीं रहा और इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन की उम्र भी बहुत लंबी नहीं रहने वाली है.