साक्षात्कार: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बनते-बिगड़ते राजनीतिक गठजोड़ के बीच जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी का दावा है कि एनडीए दोबारा सत्ता में आ रही है और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. उनसे विशाल जायसवाल की बातचीत.
बिहार में उद्योग न लगने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तर्क पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने साधा निशाना. नीतीश कुमार ने कहा है कि पिछले 15 सालों में बिहार में स्थितियां बदली हैं.
पुणे में रहने वाले 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले के एक आरोपी रमेश उपाध्याय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं. साल 2012 में अदालत से मंज़ूरी लेने के बाद उन्होंने हिंदू महासभा के टिकट पर बलिया के बैरिया से विधानसभा चुनाव लड़ा था.
चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा ने बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाजपा के अंदरखाने का गणित है, जहां वह सत्ता की चाभी नीतीश कुमार से छीनकर अपने पास रखना चाहती है.
जदयू ने मंजू वर्मा को बेगूसराय ज़िले से उम्मीदवार बनाया है. मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले में नाम आने के बाद मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार और भाजपा महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें मंजू वर्मा की उम्मीदवारी तत्काल वापस लेनी चाहिए.
74 वर्षीय रामविलास पासवान लंबे समय से बीमार थे. उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के केंद्रीय मंत्री का पद संभाल रहे पासवान की कुछ दिनों पहले हार्ट सर्जरी हुई थी.
चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. लोजपा ने कहा कि पार्टी चाहती है कि भाजपा राज्य में भविष्य की सरकार का नेतृत्व करे और उसके विधायक इस उद्देश्य के लिए काम करेंगे.
विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी महागठबंधन से नाराज़ रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बसपा और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के साथ नया मोर्चा बनाया है. उनके अनुसार जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है, वहीं राजद नीत गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का मज़बूत चेहरा नहीं है.
रविवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर जदयू की सदस्यता लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वे आगामी चुनाव लड़ने या न लड़ने के बारे में निर्णय नहीं ले सकते. दल फ़ैसला करेगा कि वह किस तरह से उनकी सेवा लेना चाहता है.
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 29 नवंबर को ख़त्म हो रहा है. चुनाव के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 03 और 07 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साल 2009 में पहली बार वीआरएस लिया था और तब चर्चा थी कि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, हालांकि ऐसा नहीं हुआ. अब विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले उनके दोबारा वीआरएस लेने के निर्णय को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से जोड़कर देखा जा रहा है.
हाल ही में राजद से इस्तीफ़ा देने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं की वजह से बीमार पड़ गए थे, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रहे हैं और तीनों ही केंद्र सरकार के अधीन हैं. केंद्र और बिहार में एनडीए की ही सरकार है. ऐसे में सवाल है कि ‘जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत’ हैशटैग चलाकर बिहार में भाजपा जस्टिस किससे मांग रही है?
यह सही है कि समय पर चुनाव करवाना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है, मगर जिस राज्य में महामारी का आलम ये हो कि मुख्यमंत्री ही तीन महीने बाहर न निकलें, वहां सात करोड़ मतदाताओं के साथ एक माह तक चुनाव प्रक्रिया चलाना बीमारी के जोखिम को और बढ़ा सकता है.
बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके मद्देनज़र बिहार प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जब-जब भाजपा, जदयू और लोजपा साथ आई हैं, तब-तब एनडीए की जीत हुई है.