मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ कई बार प्रदेशाध्यक्ष का पद छोड़ने की बात कह चुके हैं. लेकिन सरकार बनने के लगभग साल भर बाद भी पार्टी को नया प्रदेशाध्यक्ष नहीं मिला है.
महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ ही मध्य प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होने हैं. बहुमत के अभाव में गठबंधन की सरकार चला रही कांग्रेस और तख़्तापलट का सपना देख रही भाजपा, दोनों के लिए अपने यह सीट जीतना ज़रूरी बन गया है.