मुरारीलाल का सपना था कि उनके परिवार में कोई डॉक्टर बने और कोई जज. उनके एक पोते ने इस साल न्यायपालिका की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन परिणाम आने के 4 दिन पहले उसकी असामयिक मौत हो गई. मुरलीलाल की पोती नीट में बढ़िया अंक पाकर भी कॉलेज में दाखिले को लेकर सशंकित है.
मुट्ठी भर छात्रों की दोबारा परीक्षा को 24 लाख बच्चों के भीतर पैदा हुए संदेह का समाधान नहीं माना जा सकता. दोबारा परीक्षा कराना शायद व्यावहारिक न हो, लेकिन यही एकमात्र तरीका है कि हम इन अभ्यर्थियों को यह विश्वास दिला सकें कि देश उनकी मेहनत, लगन और ईमानदारी की इज़्ज़त करता है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह शुक्रवार को हरियाणा के झज्जर ज़िले के सैंपला में धरना दे रहे किसानों के बीच पहुंचे, जहां उन्होंने कहा, 'यह सभी का आंदोलन है. मैं पहले से ही मैदान में हूं. अगर मैं मोर्चे पर नहीं हूं तो लोगों को लगेगा कि मैं सिर्फ राजनीति कर रहा हूं.'
हरियाणा के झज्जर शहर का मामला. सभी मज़दूर एक ही परिवार थे. मृतक मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले के रहने वाले थे.