जम्मू कश्मीर में अनिवासियों को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ के आधार पर 2012 से 2016 के दौरान 2.78 लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोप में साल 2019 में दर्ज एक मामले में संबंध में ये छापेमारी की गई. आरोप है कि विभिन्न ज़िलों के उपायुक्तों ने धन के लालच में फ़र्ज़ी और अवैध रूप से थोक में लाइसेंस जारी किया था.