जम्मू विकास प्राधिकरण ने एक ध्वस्तीकरण कार्रवाई में जम्मू शहर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों की लगभग एक दर्जन दुकानों को गिराया है. दुकान मालिकों का कहना है कि उन्हें दुकानें तोड़े जाने के संबंध में कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, हालांकि, जेडीए ने इस दावे को ख़ारिज किया है.
जम्मू कश्मीर सरकार ने तीनों कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के लिए भारत के संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल किया, जो सरकार को बिना जांच किए किसी कर्मचारी को बर्ख़ास्त करने की अनुमति देता है. पिछले डेढ़ साल में सरकार ने राज्य की सुरक्षा के लिए ‘ख़तरा’ होने के कारण लगभग 52 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की हैं.