केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने और इसे दो राज्यों में बांटने के फैसले के बाद पिछले सात महीने से ज़्यादा समय से पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला हिरासत में थे.
गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद 396 लोगों को जन सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जन सुरक्षा कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी सुनवाई के तीन महीने से दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.
द वायर के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सफ़िया अब्दुल्ला ख़ान ने बताया कि उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला पर पीएसए लगाए जाने से पूरा परिवार हैरान है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल को जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के कथित दुरुपयोग पर रिपोर्ट जारी करने के लिए प्रशासन द्वारा श्रीनगर में प्रेस वार्ता की अनुमति नहीं दी गई. संगठन ने राज्य में 42 साल से लागू इस क़ानून को ख़त्म करने की मांग की है.