देश के विश्वविद्यालय ख़ासकर केंद्रीय विश्वविद्यालय एक प्रकार से केंद्र सरकार के ‘विस्तारित कार्यालय’ में तब्दील कर दिए गए हैं. कोई भी अकादमिक विभाग बिना प्रशासन की ‘छन्नी’ से गुजरे किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं कर सकता.
देश के विश्वविद्यालय ख़ासकर केंद्रीय विश्वविद्यालय एक प्रकार से केंद्र सरकार के ‘विस्तारित कार्यालय’ में तब्दील कर दिए गए हैं. कोई भी अकादमिक विभाग बिना प्रशासन की ‘छन्नी’ से गुजरे किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं कर सकता.