इज़रायल और हिजबुल्लाह ने लेबनान में जारी संघर्ष रोकने के लिए युद्धविराम समझौते पर दस्तख़त किए

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते की घोषणा की है, जिसके तहत इज़रायल को अगले 60 दिनों के भीतर लेबनान से सेना वापस बुलाने के लिए कहा गया है.

दुनिया तो दूर, अमेरिका पर ट्रंप की विजय का क्या असर होगा?

वीडियो: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत वैश्विक परिदृश्य पर क्या प्रभाव डालेगी, और अमेरिका की राजनीति और समाज पर ट्रंप की वापसी का क्या असर पड़ेगा, इस बारे में बता रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.

बांग्लादेश के बारे में डोनाल्ड ट्रंप के दावे उनकी मौक़ापरस्ती का सबूत हैं

ट्रंप द्वारा बांग्लादेश को निशाना बनाना हिंदू-मुस्लिम के बीच की मौजूदा खाई को गहरा कर सकता है और दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के बीच एक होने की भावना को मिटा सकता है.

अमेरिका चुनाव: ट्रंप की दोबारा जीत पर विभिन्न राष्ट्र प्रमुखों की प्रतिक्रिया के क्या मायने हैं

डोनाल्ड ट्रंप की विजय पर आए दुनिया भर के नेताओं के संदेश यह संकेत देते हैं कि आगामी वर्षों में विश्व किस करवट जा सकता है.

वैश्विक संस्थाओं ने अमेरिका से न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारियों पर प्रतिबंध की मांग की

दुनिया भर में पत्रकारिता की स्थिति पर निगरानी रखने वाली संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ग्वेर्निका 37 चैंबर्स ने भारत में पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में शामिल दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अमेरिका से इसलिए सिफ़ारिश की है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में प्रेस की स्वतंत्रता में बाधा डालने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का वादा किया था.

अन्याय की व्यवस्था जब तक बेदख़ल चलती रहे, शांति का भ्रम बना रहता है

जनतंत्र मात्र वोट से नहीं चलता. वह संस्थानों, शक्तियों के विभाजन और उनकी निगरानी और उन पर नियंत्रण से ही चल सकता है. लेकिन इतिहास हमें बतलाता है कि कई बार स्वायत्त संस्थान अपनी स्वायत्तता सरकार के हवाले कर देते हैं.

कविता में जनतंत्र स्तंभ की दसवीं क़िस्त.

अमेरिकी आयोग ने ‘भारत द्वारा अल्पसंख्यकों को विदेशों में निशाना बनाने’ पर चिंता जताई

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने एक बयान में कहा है कि विदेशों में कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों को चुप कराने के भारत सरकार के हालिया प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर ख़तरा हैं. आयोग ने अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को विशेष चिंता वाले देश में डालने का अनुरोध किया है.

कनाडा के बाद अमेरिका के भारत पर खालिस्तानी नेता की हत्या के प्रयास के आरोप के क्या मायने हैं?

वीडियो: अमेरिकी फ़ेडरल अभियोजकों द्वारा न्यूयॉर्क की एक अदालत में ‘भारत के सरकारी कर्मचारी के तौर पर पहुंचे व्यक्ति द्वारा एक अमेरिकी नागरिक की हत्या’ के निर्देश देने के आरोपों के बारे में चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

अमेरिकी अभियोग में दावा- भारतीय अधिकारी ने खालिस्तानी कार्यकर्ता की हत्या की साज़िश रची थी

इस घटनाक्रम से से अमेरिका और कनाडा दोनों के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ने की संभावना है. कनाडा के बाद अमेरिका दूसरा देश बन गया, जिसने खालिस्तानी अलगाववादी (गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मारने की साज़िश में भारतीय एजेंटों के शामिल होने की संभावना के बारे में ‘वरिष्ठतम स्तर’ पर भारत सरकार के साथ चिंता जताई है.

कांग्रेस सांसद ने पूछा- क्या भारतीय धरती पर अमेरिकी सैन्य ठिकानों को अनुमति दी जाएगी?

बीते 8 सिंतबर को भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों और अन्य विमानों और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की सिफ़ारिश की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से इसे संसद में स्पष्ट करने को कहा है.

जी-20 सम्मेलन में आए अमेरिकी मीडिया ने कहा- वैन में क़ैद रहे, मोदी-बाइडेन वार्ता में जाने नहीं दिया

8 सितंबर को भारत पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसी दिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मिले थे. अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आए पत्रकारों को इस मुलाक़ात से दूर रखा गया था.  

भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी का भ्रम

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दावा करते हैं कि उनकी हुकूमत का केंद्रीय उसूल ‘लोकतंत्र की रक्षा’ है. यह बात सराहने लायक़ है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वह ठीक इसका उल्टा था. अमेरिकी हुक्मरान जिस शख़्स के आगे बिछे हुए थे, उसने भारतीय लोकतंत्र को बहुत व्यवस्थित तरीक़े से कमज़ोर किया है.

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