भूषण अवमानना मामला: जस्टिस मिश्रा ने 2018 में हुई चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस की आलोचना की

अवमानना की कार्रवाई के दौरान प्रशांत भूषण और उनके वकील ने कहा था कि 2018 में चार जजों द्वारा अदालत और सीजेआई पर सवाल उठाने को लेकर अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं हुई थी. जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने सोमवार को अपने फ़ैसले में लिखा कि वह इस तरह की पहली और आख़िरी प्रेस वार्ता थी.

जजों की नियुक्ति: एनजेएसी क़ानून को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को जजों द्वारा जजों की नियुक्ति की 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले एनजेएसी क़ानून, 2014 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया था.

चीफ जस्टिस ही मास्टर ऑफ रोस्टर, इसमें कोई संदेह नहीं: सुप्रीम कोर्ट

चीफ जस्टिस द्वारा मामलों के आवंटन पर पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की याचिका पर जवाब देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीजेआई की भूमिका समकक्षों के बीच प्रमुख की होती है, उन्हें विभिन्न पीठों को मामले को आवंटित करने का विशेषाधिकार होता है.

स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना कोई भी लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता: जस्टिस चेलमेश्वर

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर सेवानिवृत्त. चार न्यायाधीशों की अपनी ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबंध में कहा कि मुझे बागी, काम बिगाड़ने वाला, वामपंथी और राष्ट्रद्रोही भी कहा गया लेकिन मैंने जनता के प्रति अपना दायित्व निभाया.

न्यायमूर्ति जोसेफ की नियुक्ति की मांग लेकर सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

महाराष्ट्र के सेवानिवृत न्यायाधीश जीडी इनामदार ने अपनी याचिका में आग्रह किया गया है कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को पदोन्नति से अलग करने के केंद्र के अवैध और असंवैधानिक कदम को रद्द किया जाए.

कॉलेजियम की बैठक रही बेनतीजा, जस्टिस जोसेफ की पदोन्नति के मामले में फैसला टला

कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति केएम जोसेफ को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी. सरकार ने उनके नाम पर फिर से विचार करने का कहकर फाइल लौटा दी थी.

न्यायपालिका और सरकार के बीच भाईचारा लोकतंत्र के लिए मौत की घंटी: जस्टिस चेलमेश्वर

जस्टिस चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लिखे एक पत्र में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा सरकार के इशारे पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के खिलाफ शुरू की गई जांच पर सवाल उठाए हैं.

क्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीन रही है मोदी सरकार?

केंद्र सरकार पर न्यायिक नियुक्तियों को प्रभावित करने के आरोप लग रहे हैं. बीते कुछ सालों में हुई नियुक्तियों पर गौर करें तो ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं जो भविष्य की एक ख़तरनाक तस्वीर बनाते हैं.

संविधान सबसे बड़ी लोक नीति, इसका आदर करना चाहिए: न्यायमूर्ति चेलमेश्वर

न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने हाल ही में मामलों के आवंटन समेत कई समस्याओं को उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

बार काउंसिल ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में संकट नहीं, जबकि अटॉर्नी जनरल को संकट जल्द सुलझने उम्मीद

सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों से की भेंट. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी मामले के एक हफ़्ते में सुलझने की उम्मीद जताई.

प्रमुख मुद्दों की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन, सीजेआई की आलोचना करने वाले जज शामिल नहीं

सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में हुआ पीठ का गठन. 17 जनवरी को पीठ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई शुरू करेगी.

‘विधिशास्त्र में स्थापित है कि प्रधान न्यायाधीश अन्य न्यायाधीशों के ही बराबर होते हैं’

प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले न्यायाधीशों में से एक जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि न्याय और न्यापालिका के हित में यह क़दम उठाया.