पहले ‘तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें ये दूंगा’ जैसी सौदेबाज़ी और नैतिकताओं व सरोकारों को तिलांजलि देने का रिवाज इतना आम नहीं था. ठीक है कि जिताने-हराने की अच्छी-बुरी कवायदें तब भी कुछ कम नहीं होती थीं, लेकिन हारने वाले नेताओं की आज जितनी खिल्ली नहीं ही उड़ाई जाती थी.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण के पीछे की मंशा जनता के बीच विभिन्न संतों, गुरुओं, समाज सुधारकों और नेताओं के आदर्शों का प्रचार करना है, न कि बसपा के चुनाव चिह्न का प्रचार या ख़ुद का महिमामंडन करना.
जन गण मन की बात की 177वीं कड़ी में विनोद दुआ गुजरात से निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की दिल्ली में हुई युवा हुंकार रैली पर चर्चा कर रहे हैं.
ऊना के दलित आंदोलन से चर्चा में आए जिग्नेश मेवाणी गुजरात की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक हैं.