बीते 22 सितंबर को जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की थी. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की पार्टी इकाइयों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर नाराज़गी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने तो पद भी छोड़ दिया है.
बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर लगाई जा रहीं अटकलों को विराम देते हुए बीते सोमवार को इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफ़ा ऐसे दिन दिया जब उनकी सरकार को दो साल पूरे हुए थे. बसवराज बोम्मई उनकी जगह लेने वाले शीर्ष दावेदारों में से थे. उत्तर कर्नाटक से लिंगायत समुदाय के नेता बोम्मई को येदियुरप्पा का क़रीबी माना जाता है.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मज़बूत करने के लिए काम करेंगे. येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद दिया.
भाजपा के विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथ उन 17 विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें कर्नाटक विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया था और इसी कारण एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली तत्कालीन जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी.
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस और जेडीएस के उन सभी 17 विधायकों को मंत्री पद देने का वादा किया था, जिन्होंने 2019 में भाजपा को सरकार बनाने में मदद की थी. 17 में से 15 सीटों पर पिछले साल दिसंबर में उपचुनाव हुआ था, जबकि दो सीटों पर तीन नवंबर को मतदान हो रहा है.
लौह अयस्क समृद्ध बेल्लारी जिले से चार बार के विधायक आनंद सिंह को सोमवार को कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया था लेकिन पोर्टफोलियों में बदलाव की मांग के एक दिन बाद ही उन्हें वन, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी मंत्री बना दिया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और दिनेश गुंडू राव ने पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार जुलाई में गिर गई थी. बागी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के कारण ये उपचुनाव कराया गया.
लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग की छापेमारी का पूर्व मुख्यमंत्रियों- सिद्धारमैया और कुमारस्वामी के साथ तत्कालीन कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के सांसदों और विधायकों ने विरोध किया था. अदालत ने पुलिस को आपराधिक षड्यंत्र रचने और भारत सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की कोशिश करने के लिए मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.
ईडी ने बीते तीन सितंबर को कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया था. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें 23 अक्टूबर को ज़मानत पर रिहा कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखते हुए उन्हें आगामी उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी. बीते जुलाई महीने में इन विधायकों को तत्कालीन विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किया गया था.
कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों ने तत्कालीन विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में उन्होंने स्पीकर द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती दी थी.
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाएं शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव को पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था.
बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में पार्टी नेता डीके शिवकुमार से मुलाकात की. प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन सितंबर को गिरफ़्तार किया था.
कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की गिरफ़्तारी से नाराज कांग्रेस समर्थक बंगलुरु सहित राज्य के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने शिवकुमार की गिरफ्तारी के विरोध में राज्यव्यापी बंद बुलाया है.
कुमारस्वामी सरकार पर लगे फोन टैपिंग के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वह कांग्रेस के कई नेताओं की मांग पर इन आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देंगे.