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जम्मू कश्मीर: सैयद अली शाह गिलानी के पोते और एक स्कूली शिक्षक बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर सरकार ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. उपराज्यपाल द्वारा इनकी बर्ख़ास्तगी संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत की गई है. संविधान के इस प्रावधान के अनुसार सरकार को बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार मिला हुआ है.

जम्मू कश्मीर: जांच को दरकिनार करने वाले क़ानून के तहत छह सरकारी कर्मचारी बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. इनकी बर्ख़ास्तगी उस कमेटी द्वारा की गई है, जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत किया गया है. इस कमेटी के पास बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार होता है.

Srinagar: Policemen patrolling at Lal Chowk after restrictions were lifted, in Srinagar, Tuesday, Aug. 20, 2019. Barricades around the Clock Tower in Srinagar's city centre Lal Chowk were removed after 15 days, allowing the movement of people and traffic in the commercial hub, as restrictions eased in several localities while continuing in others. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI8_20_2019_000114B)

जम्मू कश्मीर: क्या है नई टास्क फोर्स, जो सरकारी कर्मचारियों को बिना जांच बर्ख़ास्त कर सकती है

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ‘राज्य की सुरक्षा’ के ख़िलाफ़ संदिग्ध गतिविधियों वाले सरकारी कर्मचारियों के मामलों की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के अंतर्गत पारित इस आदेश के तहत सरकार को हक़ है कि वो बिना जांच समिति का गठन किए किसी भी कर्मचारी को बर्ख़ास्त कर दे.

सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर कश्मीर पुलिस ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया

पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत भी मामला दर्ज किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया जा चुका है.