जम्मू कश्मीर: देश के ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने वाले पोस्ट के आरोप में दो पत्रकारों से पूछताछ

जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि ये दोनों पत्रकार उन चार पत्रकारों के समूह का हिस्सा हैं जिनसे ब्लॉग साइट कश्मीरफाइट डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में इस साल सितंबर में पूछताछ की गई थी. नौ सितंबर को पुलिस ने कहा था कि इस संबंध में दर्ज मामले की जांच के दौरान विश्वसनीय सबूत मिले हैं कि चारों पत्रकारों का संबंध ब्लॉग के मास्टरमाइंड से है.

कश्मीरी पत्रकार ने कहा- डिलीट ट्वीट को लेकर पुलिस ने पांच घंटे तक पूछताछ की

कश्मीरी पत्रकार इरफ़ान अमीन मलिक ने जम्मू कश्मीर की फिल्म नीति के बारे में सात अगस्त की शाम को एक ट्वीट पोस्ट किया था. हालांकि ट्वीट पोस्ट करने के दो मिनट के भीतर ही उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था, लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने आठ अगस्त को मलिक को दक्षिण कश्मीर के त्राल पुलिस स्टेशन बुलाया, जहां उनसे इस संबंध में पांच घंटे तक पूछताछ की गई.

फॉरेंसिक प्रमाण दिखाते हैं कि कश्मीर के फोन नंबरों की भी निगरानी की कोशिश हुई थी

बिलाल लोन और मीरवाइज़ जैसे अलगाववादियों के अलावा निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले दिल्ली के एक प्रमुख कार्यकर्ता, कई पत्रकार और मुख्यधारा के कुछ नेताओं के परिवार के सदस्य शामिल हैं.

कश्मीरी पत्रकार को आधी रात में हिरासत में लिया गया, परिवार को आरोपों की जानकारी नहीं

सुरक्षाबलों ने बुधवार रात लगभग 11 बजे ग्रेटर कश्मीर अखबार के पत्रकार इरफान अमीन मलिक के पुलवामा के त्राल स्थित घर पर छापा मारने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिरासत में लिए गए मलिक पहले पत्रकार हैं.

भाजपा नेता की कश्मीरी पत्रकारों को सलाह, अपनी हद तय करें

जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी सरकार में मंत्री रहे चौधरी लाल सिंह ने पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि कश्मीरी पत्रकारों को सोचना होगा कि उन्हें कश्मीर में कैसे रहना है.