पारंपरिक भारतीय नृत्य शैली कथक को विश्व पटल पर ले जाने वाले प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज एक शानदार गायक, कवि और चित्रकार भी थे. वह कथक नर्तकों के ‘महाराज परिवार’ के वंशज थे. उन्होंने अपने पिता और गुरु अचन महाराज और चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज से प्रशिक्षण लिया था.
इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से किया गया था. कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगा कि यह किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी है लेकिन मेरे मंच पर होने के बावजूद किसी दूसरे परफॉर्मर के नाम की घोषणा होने पर मुझे वास्तविकता का पता चला.