आरोपपत्र में कैथोलिक चर्च के शीर्ष पादरियों समेत 83 गवाहों के बयान शामिल हैं. बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन के साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप है.
मामला केरल के कोल्लम इलाके का है. पुलिस ने कहा कि मौत के वक्त महिला का वजन महज 20 किलोग्राम था. महिला के पति और सास को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में समूह ने कहा कि बलात्कार पीड़िता और पांच अन्य नन लगातार एक-दूसरे से अलग किए जाने और केरल से दूर भेजने के खतरे का सामना कर रही हैं. सरकार इन ननों को सुरक्षा मुहैया करा रही है पर अगर उन्हें दूसरे कॉन्वेंट में भेजा गया तो उनकी जान को खतरा पैदा हो सकता है.
इससे पहले, प्रदर्शन में भाग लेने वाली चार ननों को तबादला आदेश जारी किया गया था. इसके बाद कथित पीड़िता नन और चार अन्य ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिख कर अपने तबादला आदेश के क्रियान्वयन पर मामले की सुनवाई पूरी होने तक रोक सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था.
परिवारवालों ने मामले की गहन जांच कराने की मांग की. फादर के भाई ने आरोप लगाया कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल के करीबी लोगों द्वारा बार-बार उन्हें धमकाया जा रहा था. उन्होंने उनकी कार क्षतिग्रस्त कर दी थी और जालंधर में उनके घर पर पथराव भी किया था.
बलात्कार मामले में आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने पोप फ्रांसिस को पत्र लिखकर अस्थायी तौर पर पद छोड़ने की पेशकश की. विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों और ननों के एक समूह का कोच्चि में पिछले 10 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी.
पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन का कहना है कि इसरो जासूसी मामला 20 अक्तूबर 1994 को मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा की गिरफ्तारी के समय से ही झूठा था. उस समय नारायणन इसरो की क्रायोजनिक परियोजना के निदेशक थे.
1994 में हुए इसरो जासूसी कांड में वैज्ञानिक नंबी नारायणन की ग़ैर-क़ानूनी गिरफ़्तारी के लिए सीबीआई ने केरल पुलिस के अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया था. शीर्ष अदालत ने इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच आदेश देते हुए केरल सरकार से नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है.
केरल के आदिवासी बहुल इलाके अट्टाप्पदी में हुई घटना. आदिवासी युवक को बांधकर पीटते हुए लोगों ने ली थी सेल्फी. मुख्यमंत्री ने घटना की निंदा की.