इसी मामले में जेल में बंद कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ भी आरोपी हैं. 2020 में दर्ज राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एफ़आईआर में कश्मीर स्थित कुछ एनजीओ पर भारत विरोधी गतिविधियों को प्रायोजित करने के आरोप लगाए गए हैं.
कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को 22 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था, तब से उनकी हिरासत को कई बार बढ़ाया जा चुका है. परवेज़ मानवाधिकार के क्षेत्र में दिए जाने वाले मार्टिन एनल्स अवॉर्ड, 2023 से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.
कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने 22 नवंबर 2022 को गिरफ़्तार किया था. उनकी गिरफ़्तारी के एक साल पूरे होने पर मानवाधिकार समूहों ने कहा कि उनकी मनमानी हिरासत भारतीय अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक लंबी सूची का हिस्सा है.
एनआईए ने 22 नवंबर को टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को गिरफ़्तार किया था. इससे पहले इस साल की शुरुआत में श्रीनगर में उनके घर और कार्यालय की तलाशी ली गई थी. वैश्विक मानवाधिकार संगठनों ने इस क़दम की आलोचना करते हुए हिरासत में यातना के जोख़िम को लेकर चिंता जताई थी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने एनआईए द्वारा कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ की यूएपीए के तहत गिरफ़्तारी पर चिंता जताई थी, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे मानवाधिकारों पर आतंकवाद के नकारात्मक प्रभाव की बेहतर समझ विकसित करनी चाहिए.
एनआईए ने सोमवार को सूबे के प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को गिरफ़्तार किया है. इससे पहले टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में इस साल की शुरुआत में श्रीनगर में उनके घर और कार्यालय की तलाशी ली गई थी. वैश्विक मानवाधिकार संगठनों ने इस क़दम की आलोचना करते हुए हिरासत में यातना के जोख़िम को लेकर चिंता जताई है.