चिनाब घाटी के किश्तवाड़ जिले में रविवार का हमला उस स्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर किया गया था, जहां 7 नवंबर को सुरक्षा बलों ने दो विलेज डिफ़ेंस गार्ड के गोलियों से छलनी शव बरामद किए थे.
अब्दुल्ला सरकार के सत्ता संभालने के बाद लक्षित हमलों और उग्रवाद विरोधी अभियानों में करीब दो दर्जन नागरिक, सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी मारे गए हैं. ताज़ा घटना किश्तवाड़ की चतरू तहसील में हुई है, जो जम्मू और कश्मीर के बीच की सीमा पर है. पिछले कुछ महीनों से यहां आतंकी गतिविधियों में तेज़ी देखी गई है.
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जम्मू की आठ और घाटी की 16 सीटों पर मतदान हुआ है, जहां के चुनावी आंकड़े 2014 के पिछले चुनाव के समान ही रहे हैं.
एक स्थानीय अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित जम्मू कश्मीर प्रशासन को उस भूमि को ख़ाली करने का आदेश दिया है, जिसका उपयोग किश्तवाड़ ज़िले में स्थित मचैल चंडी माता मंदिर तक तीर्थयात्रियों को ले जाने के लिए दो निजी विमानन कंपनियों द्वारा हेलीपैड संचालित करने के लिए किया जा रहा है.
जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ ज़िले में दो मदरसों को एफसीआरए मानदंडों का उल्लंघन करने वाले एक ट्रस्ट से जुड़ाव रखने के चलते स्थानीय प्रशासन ने बंद करने का आदेश जारी किया था, हालांकि इस आदेश को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने स्थगित कर दिया था. इसके बावजूद भी मदरसों को सील कर दिया गया.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह एफआईआर दर्ज करना पत्रकार को ‘चुप कराने’ का तरीका था. पत्रकार की एक रिपोर्ट 19 अप्रैल 2018 को जम्मू के एक अख़बार में प्रकाशित हुई थी, जो एक व्यक्ति को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने से संबंधित थी. इसे लेकर पुलिस ने उन पर केस दर्ज किया था.